True Love Story
यह कहानी कुछ अलग है जहां सभी के जीवन में उन्हें किसी न किसी से जिंदगी में एक बार प्यार तो होता ही है और शायद किसी को बहुत बार पर परिस्थिति यहां बहुत ज्यादा अलग है | बाकी लव स्टोरी की तरह इस कहानी में भी दो जोड़े होते हैं पर इसमें एक लड़का और दूसरा भी लड़का होता है
काफी अजीब सा लगता है सुनने में परंतु यह कोई एकमात्र उदाहरण नहीं है दुनिया भर में ऐसे लाखों जोड़े हैं परंतु भारत में ऐसा देखने को नहीं मिलता |
Love Story |
पहले लड़के का नाम सुशील और दूसरे का नाम मनोज अब यहां मैं आपको बता दूं कि मनोज लड़का है परंतु सुशील एक Gay है पहले मैं आपको यह बता देता हूं कि लोगों को लगता है कि हर Gay मे लिंग अलग अलग होता है परंतु ऐसा नहीं है एक साधारण सा दिखने वाला लड़का भी Gay हो सकता है यह सब उनके अंगों पर नहीं बल्कि उनकी फीलिंग्स पर निर्भर करता है और फीलिंग्स का मतलब मानव शरीर में स्रावित होने वाले हार्मोन से है आप ऐसा कह सकते हैं कि मनोज एक पूर्ण मर्द है लेकिन सुशील दिखने में एक लड़का है पर उसके शरीर में स्रावित होने वाले हार्मोन उसे लड़की होने का आभास कराते हैं मनोज और सुशील एक साथ शादी में मिले थे और अच्छे दोस्त बन जाते हैं बाद में दोनों साथ में रहने लगते हैं पर अभी तक सुशील ने मनोज को कुछ नहीं बताया था और भारत में ऐसा काफी अजीब सा लगता है क्योंकि लोगों ने जेंडर की कैटेगरी से तीसरे समूह को समाज से अलग रखकर उनके अधिकारों का हनन किया है जो दर्जा उन्हें समाज में मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता प्राचीन भारत में जैसे महाभारत में Gay सामान्य जीवन जीते थे जैसा कि ग्रंथों में पता चलता है परंतु आज परिस्थिति बदल चुकी है जिसके चलते सुशील अपने बारे में अपने सबसे अच्छी दोस्त मनोज को भी नहीं बता पा रहा था लेकिन एक दिन सुशील मनोज को बता देता है सुशील को लगता है कि मनोज उससे दोस्ती तोड़ देगा पर मनोज ने एक साधारण सा उत्तर दिया तो क्या हुआ?
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शायद मनोज एक खुले विचारों वाला व्यक्ति था जिसे ज्ञान था अभी तक दोनों के बीच प्यार जैसा कुछ भी नहीं था परंतु 2 साल साथ में रहने के बाद दोनों को आपस में प्यार हो गया परंतु समस्या थी समाज की |
लेकिन जब मनोज ने सुशील को अपना लिंग चेंज कराने के लिए कहा तो सुशील मान गया तथा सुशील ऑपरेशन के बाद सुनीता बन गया और दोनों की शादी हो गई हमें यह सब सुनने में अजीब लगे पर यह वास्तव में होता है लिंग परिवर्तन से अगर किसी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं तो यह विज्ञान का एक वरदान है |
2014 के बाद से, भारत में ट्रांसजेंडर लोगों को लिंग पुनर्मिलन सर्जरी के बिना लिंग बदलने की अनुमति दी गई है, और एक तीसरे लिंग के तहत खुद को पंजीकृत करने का संवैधानिक अधिकार है। समान लिंग के लोगों के बीच यौन गतिविधि कानूनी है लेकिन समान-लिंग वाले जोड़े कानूनी रूप से विवाह नहीं कर सकते हैं या नागरिक भागीदारी प्राप्त नहीं कर सकते हैं। 6 सितंबर 2018 को, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को असंवैधानिक घोषित करके समलैंगिकता को समाप्त कर दिया।
हमें कानूनी और एक समझदार नागरिक होने के नाते सभी के हितों की रक्षा करनी चाहिए तथा समाज में समान रूप से पेश आना चाहिए |
Very good
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