Abraham Lincoln को बचपन में महापुरुषों की जीवनी पढ़ने का बड़ा शौक था । इसलिए जहां-तहां से मांग कर लाते, पढ़ते और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करते थे। एक बार वे 10 मील चलकर एक पुस्तक लाए । रात को वर्षा हुई, छठ टपकी और पुस्तक भीग गई । सुरक्षित लौट आने की शर्त कैसे निभेगी ! Abraham Lincoln इसी चिंता में डूबे जा रहे थे।
वे नियत समय पर पुस्तक लौटाने पहुंचे। उन्होंने उसके खराब होने की बात किताब के मालिक से कही । किताब का मालिक गुस्सा होकर बोला, " या तो नई किताब खरीदकर दो या इसके बदले मेरे यहां मजदूरी करो । जिस दिन किताब के मूल्य के बराबर मजदूरी हो जाएगी, उस दिन घर चले जाना ।" Abraham Lincoln खुशी-खुशी तैयार हो गए और मजदूरी करके पुस्तक की कीमत चुका दी । Abraham Lincoln इस बात से प्रसन्न थे कि, अब वह किताब हमेशा के लिए उनकी हो चुकी थी ।
Abraham Lincoln's Motivational Story
Abraham Lincoln के पड़ोस में एक धनी व्यक्ति रहा करते थे जिनका घर बिजली से जगमगाता रहता था । जिस टूटे हुए छोटे से कमरे में Lincoln पढ़ा करते थे, उसमें प्रकाश की व्यवस्था नहीं थी। संयोगवश उस कमरे की दीवार में एक बारीक छेद था जिससे होकर प्रकाश की एक रेखा लिंकन की कमरे में आती थी। Abraham Lincoln उसके उजाले में अपनी पुस्तक के अक्षर देखकर पढ़ते थे। इस प्रकार उन्होंने कई पुस्तकों को पढ़ा और कक्षाएं पास की। घोर अभाव में रहकर भी उन्होंने बढ़ईगिरी में अपने पिता का हाथ बटाँते हुए पढ़ाई जारी रखी। इसी लगन और परिश्रम के बल पर एक दिन यही बालक अमेरिका का राष्ट्रपति Abraham Lincoln बना ।