वैदिक युग की वीरांगना 'प्रेरक प्रसंग'
प्रेरक प्रसंग |
पुराने जमाने में एक राजा थे | वे खेलों के बड़े अच्छे जानकार थे | इस कारण वे खेल राजा के नाम से लोकप्रिय थे |
खेल राजा की रानी का नाम था ' विश्पला ' | विश्पला युद्ध कला में निपुण थी | उसकी वीरता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी |
एक बार युद्ध में रानी विश्पला को शत्रुओं ने घेर लिया | रानी ने वीरता से शत्रुओं का मुकाबला किया | लेकिन लड़ते हुए रानी की दोनों पैर कट गए | इसके बावजूद विश्पला ने हार नहीं मानी और युद्ध करती रही |
रानी की वीरता देखकर खेल राजा बहुत प्रभावित हुए | उन्होंने अगस्त्य ऋषि से इस बात की चर्चा की | अगस्त्य ऋषि ने देवताओं के वैद्य अश्वनी कुमारों को बुलाया |
अश्विनी कुमारों ने रानी विश्पला के कटे पैरों की जगह लोहे के यांत्रिक पैर लगा दिए | रानी विश्पला ने फिर से शत्रुओं को ललकारा | वीरता से युद्ध लड़ा और शत्रुओं पर विजय प्राप्त की |