Small Story with Moral in Hindi - छोटी नैतिक कहानी

 बचने का उपाय 

Small Story with Moral in Hindi

एक गाँव में सूर और हरि नाम के दो व्यक्ति रहते थे । सूर देख नहीं सकता था और हरि चल नहीं पाता था । दोनों में आपस में बैर था । सूर हरि की बुराई करता रहता और हरि सूर के बारे में उल्टा - सीधा बोलता रहता । दोनों एक दूसरे के बारे में भला सुन नहीं सकते थे । एक बार गाँव में आग लग गई । गाँव वाले गाँव छोड़ कर भागने लगे । सूर और हरि दोनों गाँव छोड़ कर भागते लोगों को रोकने का प्रयास करते हुए गिडगिड़ाते , " हमें भी बचा लो,  हमें भी अपने साथ ले चलो । हमारी भी मदद करो । "

लेकिन कोई भी उनकी नहीं सुन रहा था । सब लोग हड़बड़ी में भाग रहे थे । किसी को दूसरे की सुध नहीं थी ।

अन्त में जब वे निराश हो चुके थे तभी एक वृद्धा उनके सामने से गुजरी । हरि अन्तिम आशा के रूप में वृद्धा के सामने गिड़गिड़ाया , " माता जी मुझे बचा लो । "

" मुझे भी बचा लो माता जी सूर भी निराश हो चुका था । वृद्धा ने दोनों को देखा और कहा , “ अगर चाहो तो तुम दोनों बच सकते हो । " " कैसे ? " दोनों के मुँह से निकला । वृद्धा ने हरि से कहा , " यदि तुम सूर के कंधे पर बैठ जाओ तो ये भागता रहेगा और तुम इसे रास्ता बताते रहना । " हरि थोड़ा झिझका और सूर भी चुप रहा । वृद्धा समझ गई और उसने कहा , " इसके अलावा तुम्हारे पास बचने का कोई उपाय नहीं हैं । " सूर ने हार को अपने कंधे पर बैठाया और दोनों सकुशल बच निकले ।

दो बोल

सचमुच साहस ही से होते , वसुधा के व्यापार सभी । अम साहस के बिना किसी ने , किया प्रबल प्रतिकार कभी ?
  रामेश्वर करुण


ऐसी ही small moral stories के माध्यम से बच्चों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और बाद में उन्हें एक अच्छा इंसान बनने में यही कहानियां कई बार मददगार साबित होती हैं। जीवन में कई मोड़ आते हैं जहां पर सही निर्णय लेना बेहद आवश्यक हो जाता है। यही moral stories कई बार हमें सही राह पर ले जाने में मददगार साबित होती हैं। अपने बच्चों को moral stories जरूर सुनाएं क्योंकि यह उनके व्यक्तिगत विकास के लिए बेहद आवश्यक होती हैं और उनमें एक नैतिकता का भाव भर देती है यह कहानियां।

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post

Related Articles

Ads

3-latest-65px