Aryan Invasion Theory - आर्यन इनवेजन थ्योरी - आर्य प्रवास सिद्धान्त

Aryan invasion theory


क्या आर्य भारत के मूल निवासी थे ?

आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ होता है यह कोई जातिसूचक शब्द नहीं था अपितु एक सम्मानजनक शब्द था जिसे वैदिक शब्द वेद से बना हुआ माना जाता है और वेद का अर्थ होता है ज्ञान अर्थात आर्य वे लोग थे जिनको ज्ञान था इसलिए उन्हें श्रेष्ठ कहा जाता है |

बचपन से ही हमें इतिहास की किताबों में यह पढ़ाया जाता रहा है कि Aryan वे लोग थे जो उत्तर दिशा से आए थे जिनके पास वेद थे उन्हें भाषा का ज्ञान था तथा उनकी लिपि भी थी उन्होंने जब भारत पर आक्रमण किया तब से वे यहीं रहने लग गए और यहीं के निवासी होकर रह गये |

कई विद्वानों का मत है कि Aryan भारत के मूल निवासी थे लेकिन कई विद्वान इस मत पर सहमत नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि Aryan भारत के मूलनिवासी नहीं थे अपितु कहीं बाहर से आए थे और आज भी आर्यों के मूल निवास स्थान को लेकर विद्वानों में मतभेद है |

आखिर आर्यों को बाहर से आया हुआ क्यों माना जाता है ?

जो विद्वान अपना यह मत प्रस्तुत करते हैं कि Aryan कहीं बाहर से आए थे वे मुख्यतः भाषीय समानता को आधार मानकर यह बात कहते हैं |

Aryan प्रायः भारोपीय भाषा बोलते थे जो कि भारतीय और यूरोपीय भाषाओं का मिलाजुला संगम है जिस कारण उन्हें बाहर से आया हुआ माना जाता है क्योंकि बहुत सी यूरोपीय भाषाओं जैसे लैटिन और ग्रीक की संस्कृत भाषा से बहुत सी समानताएं पाई जाती हैं |

हम यह जानते हैं कि संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है और अतः ऐसा जरूरी नहीं कि लैटिन और ग्रीक से संस्कृत का जन्म हुआ हो बल्कि ऐसा भी हो सकता है कि संस्कृत भाषा से ही यूरोपीय भाषाओं का जन्म हुआ हो |तथा जो लोग यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि Aryan भारत के मूल निवासी हैं उनका कहना है कि ऐसा कोई भी पुरातात्विक या जीव वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि Aryan कहीं बाहर से आए थे साथ ही हड़प्पा सभ्यता में पाए गए कंकाल क्षेत्र के आधुनिक कंकालों से मिलते जुलते हैं अतः यह कहना कि Aryan कहीं बाहर से आए थे गलत होगा |
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post

Related Articles

Ads

3-latest-65px